Thursday, August 8, 2013

sarkaari karmachari

करप्ट ऑफिससरर्स की लिस्ट में एक और नाम जुड़ा

भारत
का करप्शन में और ग्राफ चढ़ा

हैं
ये कौन और नाम इनका क्या है ?

भाई
ये जानना तो हमारे लिए सजा है

पेशे
से हैं ये एक सरकारी कर्मचारी

बुलाते
हैं लोग इन्हें पैसेवाले खिलाडी

सुबह
उठते ही निकल जाते हैं वाक पे

घर
लौटते वक़्त देशी घी की जलेबियाँ लाते हैं साथ में

सब्जियों
का तो कहना ही क्या है

इनकी
खरीददारी तो जैसे चुटकियों का बजना है

नौकरों
को स्मार्ट फ़ोन हाथ में
दे रखा है

हालाकि
ऑनलाइन शौपिंग का बिल तो
इन्ही को भरना है

रोज़
सुबह खाना तैयार हो टेबल पे जाता है

३६
तरह के पकवान से तब थाल सज
जाता है

आधा
खाना खा के ही उठ आप जाते है



जाते
वक़्त हाथ में बीवी ऑफिस थमाती है

कहते
निकले आप बीवी से आज तो खूब धन कमाना है

ऑफिस
बैग उठा के आप काम पे निकलते हैं

उम्र
४६ हो चुकी है पर टाइम से पहुचते हैं

कार
घर पे रख के पैदल क्यों आते हो ?

जब
पूछा ऑफिस में लोगों ने

बोले
आप मुह बना कर

भई
पेट्रोल में
तो आग लगी लगी है और मंदी का ज़माना है

बैठ
के अपनी डेस्क पर डेस्कटॉप में मुंह डाला है

रख
के एक तरफ सारी
फाइलों को

चाय
पीने का मन बनाया है

अर्जी
लेकर बुड्ढा आया पास जब इनके

पूरी
तरह से उसपे आप बिफर पड़े

बोले
ये सरकारी दफ्तर है

डाट
डपट उसे पीछे बिठा दिया

फाइल
खोल फिर देखा और एक हफ्ते का समय और दिया

बोले
साहब कुछ खर्च करो तो हो सकता है काम ये जल्द

टेबल
के नीचे से हाथ फेरकर

बैग
में हाथ घुसाया
लिया

चाय
आयी टेबल पर इनके

फिर
उसको हाथ में उठाया है

पीते
पीते सोचते रहे ये

एक
दो और भी तो मुर्गे फसाया है

आये
मुर्गे वो भी आये

अंडे
दे के वो घर जाये


बजे दफ्तर की घडी में

खाली
बैग भी अब भर गया है

घर
आकर अब थोडा सुस्ताया है

तान
के बेड पे आप सो गए

ख़्वाबों
की दुनिया में आप खो गए

नींद
में तो नोटों के बेड पे सो रहे

दुनिया
को जागते में लूट रहे

सोच
रहे कल क्या क्या करना है

आगे
बैग और भी तो भरना है !